कभी-कभी ऐसा लगता है ना की यार लोगों का दिमाग अगर  हम पढ़ पाते समझ पाते तो कितना अच्छा होता जिंदगी   कितनी आसान हो जाती है ना लेकिन अगर आपको पता चले  की ऐसा होना वाकई में मुमकिन है तो आप यकीन करेंगे   एक्चुअली लोग कई त्रिकोण से ना अपने बारे में  आपको बता सकते हैं जैसे की उनकी बॉडी लैंग्वेज   उनका ड्रेसिंग सेंस उनकी आदतें और इंटरेस्ट और उनका  बिहेवियर आपको उनके बारे में काफी कुछ बता सकता है  

 

HOW TO ANALYZE PEOPLE

 तो आज की समरी आपको बताएगी की उन साइंस को कैसे  पढ़ना चाहिए ताकि आप लोगों के साथ एक मीनिंगफुल   रिलेशनशिप बना सके तो लिए हम शुरू करते हैं इस  समरी को जिसका नाम है हो तू एनालाइज पीपल प्रोविन 

टेक्निक्स तू एनालाइज पीपल ऑन साइट एंड रीड अन्य वैन  लाइक अन बुक जैसे लिखा है एलेन गोल्डमैन ने इस समरी   की अगर बात करें तो आपको लगता है की लोग बड़ी आसानी  से आपको बुद्धू बना सकते हैं क्या आपको सामने वाले   के असली राधे को समझने में प्रॉब्लम होती है क्या  आप बड़ी जल्दी दूसरों की बातों में जाते हैं अगर   कुछ ऐसा है तो हम आपको बता देते हैं की लोग इतने  भी मिस्टीरियस नहीं है जितना आपको लगता है असल में   लोगों के असली इरादे सामने ही जाते हैं बस आपको  उनके हाफ भाव पर गौर करने की जरूरत है इस समरी   में आप लोगों की बॉडी लैंग्वेज पढ़ने का तरीका  सीखेंगे यानी किसी की बॉडी मूवमेंट्स को देखकर 

के ये पता लगाना की उसके माइंड में चल क्या रहा है  लोग जाने-अनजाने में यानी अनकॉन्शियसली अपने बॉडी   मोमेंट्स के जरिए अपनी असलियत को ज़ाहिर कर ही देते  हैं वो कहते हैं ना की इंसान का चेहरा उसके दिल का   सारा हाल बता देता है इसीलिए अगर आप किसी के चेहरे  की तरफ गौर से देखें और उसके हाव-भाव को समझने की   कोशिश करें तो आप बड़ी आसानी से उसकी फिलिंग्स को  समझ सकते हैं आप उन 5 फीचर्स के बारे में सीखेंगे   जो किसी की पर्सनैलिटी को स्टडी करने के लिए उसे  किए जाते हैं आप किसी के ड्रेसिंग सेंस और बात   करने के तरीके से उसके बारे में काफी कुछ जान सकते  हैं लोगों के इंटरेस्ट हैबिट्स या वह किस टाइप का 

म्यूजिक सुनना पसंद करते है या किस तरह के लोगों  से दोस्ती करते हैं यह भी काफी हिंट देता है आप यह   भी सीखेंगे की दो तरह के में एडल्ट रिलेशनशिप होते  हैं वर्कप्लेस रिलेशनशिप और रोमांटिक रिलेशनशिप कई   बार अपने को वर्कर्स और रोमांटिक पार्टनर को समझना  जरूरी होता है लेकिन ये समरी आपको उन्हें एनालाइज करने और उनके साथ बटोर तरीके से इंटरेक्ट यानी  बातचीत करने में हेल्प करेगी अच्छे कम्युनिकेशन दुनिया की सबसे सक्सेसफुल लोगों में से होते  हैं अच्छा कम्युनिकेशन लोगों को समझता है जिनके   साथ उसका इंटरेक्शन होता है अपने लोगों के साथ  हाई लेवल के अंडरस्टैंडिंग आपको खुशहाल और फुल  फीलिंग लाइव साइन में हेल्प करेगी और इस लेवल तक  पहुंचने के लिए आपको यह जानना जरूरी है की लोगों   को एनालाइज कैसे किया जाए तो लिए जर्नी को शुरू  करते हैं और सबसे पहले समझते हैं यूजिंग आर बॉडीज   तू कम्युनिकेट मतलब यह की अक्सर हम बात करते वक्त  अपनी बॉडी लैंग्वेज बहुत ज्यादा उसे करते हैं बॉडी   इस थम्स अप जैसा कोई सिंपल साइन नहीं है बल्कि ऐसी  चीज जिस पर गौर करने की जरूरत पड़ती है यानी फेशियल एक्सप्रेशन या पोस्चर कम्युनिकेशन का सिर्फ 7% ही  वर्बल यानी बोलकर होता है बाकी 55% कम्युनिकेशन हम बॉडी लैंग्वेज की हेल्प से करते हैं अब बात अगर  लोगों को एनालाइज करने की हो तो बॉडी लैंग्वेज समझना है की इंपॉर्टेंट स्किल है जो आपके लिए काफी  फायदेमंद साबित होगी खासकर जब आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं तो उनकी बॉडी लैंग्वेज आपको बता सकती  है की वो भरोसे के लायक है या नहीं जिन्हें आप पहले से जानते हैं उनकी बॉडी लैंग्वेज से भी आपको काफी  कुछ पता चल सकता है की वो क्या सोच रहे हैं या फिर क्या फुल कर रहे हैं जैसे की अगर आपका कोई दोस्त  नवस है तो आप उसकी बॉडी लैंग्वेज ऑब्जर्व करके इस बात का पता लगा सकते हैं चाहे वह आपसे अपनी  प्रॉब्लम शेयर ना करें और आप उन्हें हेल्प ऑफर कर सकते हैं तो जब भी हम किसी से कम्युनिकेट करते हैं तो हमारी बॉडी के कई पार्ट इसमें 

शामिल होते हैं इनमें से सबसे इजी है अपार बॉडी  यानी शरीर के ऊपरी हिस्से को समझना हमारी अपार   बॉडी में सारे इंपॉर्टेंट ऑर्गन्स होते हैं जैसे  हार्ट और लंग्स हमारी अपर बॉडी कुछ इस तरीके से बिहेव करती है की ये अंग सुरक्षित रहे खासकर डेटिंग  करते समय अपार बॉडी एनालिसिस बहुत ही यूजफुल होता है अगर आपके डेट में अपना चेस्ट आपकी तरफ किया हुआ है  तो यानी वो सिर्फ फुल कर रही है और उसे आप पर भरोसा   है चेस्ट को दूसरी तरफ करना यानी डिस्कॉम फुल करना  यानी सामने वाला खुद को और अपने दिल को आपसे छुपाने की कोशिश कर रहा है नेक्स्ट बॉडी पार्ट है यानी की  हाथ लोग अक्सर बात करते समय हाथों का बहुत इस्तेमाल 

करते हैं जो लोग ज्यादा हैंड जेस्चर यानी इशारों को  उसे करते हैं वह कॉन्फिडेंट और एनर्जेटिक होते हैं इसलिए आपको बहुत ही ध्यान से एनालाइज करना पड़ेगा एसिडिक लोग नए अंजनी सिचुएशंस में लो एनर्जी हैंड गेसचर्स उसे करते हैं इसलिए हैंड गेसचर्स को हमेशा  बाकी बॉडी के दूसरे पार्ट के साथ कंबाइन करके देखना चाहिए हमारे हाथ विजिटिंग यानी हाथों को हिलाते धूल आते रहना के जरिए काफी साफ-साफ कम्युनिकेशन करते हैं और ऐसा तब होता है जब लोग बेचैनी से हाथ और बाजू  हिलाते रहते हैं बार-बार चेहरे पर हाथ फैलाना टेबल पर उंगलियों बजाना ये सब विजिटिंग के साइन हैं जैसे पता चलता है की सामने वाला अनकंफरटेबल है 

या नर्वस है या फिर बोर हो रहा है इसी तरह पैरों से भी काफी कुछ पता चल सकता है असल में बॉडी लैंग्वेज ऑब्जर्व करते समय इन बॉडी पार्ट्स की तरफ हमारा ध्यान कम ही जाता है लोग खुद को कंट्रोल करने के लिए हान तो और चेहरे का इस्तेमाल तो कर लेते हैं पर पैरों को भूल जाते हैं इसलिए पैर अक्सर सच्चाई बयान कर देते हैं तो किसी को ऑब्जर्व  करते समय उनके पैरों पर भी ध्यान दीजिए उनके शहर कहां पर पॉइंट कर रहे हैं अगर आपकी तरफ पॉइंट  कर रहे हैं तो यह मैन लीजिए की उन्हें आपका साथ पसंद है लेकिन अगर उनके पैर आपकी तरफ पॉइंटेड नहीं  है तो यानी वो आपके साथ कंफर्टेबल नहीं है इसका सीधा 

सा मतलब है की सामने वाला जल्द से जल्द आपसे पीछा छुड़ाना चाहता है तो पैरों की पोजीशन कॉन्फिडेंस के बारे में बताती है पैरों को एकदम चिपका कर बैठने  का मतलब है की आप इन सीकर और नर्वस है कुछ लोगों को पैरों को फैलाकर और ज्यादा जगह घर कर बैठने की आदत होती है ऐसे लोग अथॉरिटी और कॉन्फिडेंट टीचर के होते हैं हालांकि ये ऑब्जर्वेशन हमेशा 100% एक्यूरेट नहीं होते क्योंकि लड़कियां स्कर्ट और ड्रेसेस में पैरों को चिपका कर बैठी है तो उसका यह मतलब नहीं  है की वो इनसिक्योर है हमारी बॉडी का सबसे एसीपी पार्ट होता है हमारा फेस यानी की हमारा चेहरा फेशियल एक्सप्रेशन यानी चेहरे के हाव-भाव एनालाइज करके हम 

लोगों के बारे में काफी कुछ बता सकते हैं चेहरे की तीन फीचर हमें लोगों की फीलिंग के बारे में बता सकते और मुंह आइब्रो कभी झूठ नहीं बोलते आमतौर पर लोग अपने इमोशंस छुपाने के लिए इबोस को नीचा कर लेते हैं नीचे आइब्रोज करने का मतलब कभी-कभी गहरा कंसंट्रेशन भी होता है तो इंसान के चेहरे पर सबसे   ज्यादा एक्सप्रेसिव होती है उसकी आंखें लोग आपस  में बातें करते समय एक दूसरे की आंखों में देखते हैं कहते हैं की आंखें दिल का आईना होती है अगर कोई  हमें 100 फीट की दूरी से भी देख रहा हो तो हमें पता लग सकता है अक्सर झूठ बोलने वाले लोग आंखें चुरा  कर बात करते हैं लेकिन इसे धोखा मत खाना क्योंकि 

प्रोफेशनल झूठे सीधा आपकी आंखों में देखकर बात करते हैं कई बार एग्रेसिव आई कॉन्टैक्ट भी दिखाई देता है की सामने वाला झूठ बोल रहा है वैसे खुशी एक ऐसा इमोशन है जिसका पता आंखों से ही चल जाता है एक   सच्ची स्माइल आपकी आंखों के आसपास की मसल्स को टाइट कर देती है जिससे आंखों के में रिंकल्स यानी सलवटेए जाती है लेकिन कोई दे सकता है और दिखा सकता है की  जैसे वो बहुत खुश है लेकिन उनकी आंखों के कोणों में आपको रिंकल्स यानी की सलवटे नहीं दिखाई देंगी चेहरे का दूसरा इंपॉर्टेंट पार्ट है मुंह लोग लिप्स और जॉब 

का उसे करके कई सारी चीज कम्युनिकेट कर देते हैं  दांत भी डिस्कॉम और एंजायटी अगर सामने वाला होठों को बाईट कर रहा हो तो समझ जाइए की वो गहरी सोच में  डूबा है यह एक और साइन हो सकता है की वह चुप रहने की कोशिश कर रहे हो बंद होंठ और जो यानी जबड़ो को भेजना  गुस्से का साइन होता है गुस्से और गहरी सोच का फर्क आपको आंखों से पता चल जाएगा गुस्से में लोगों की  आंखें छोटी हो जाती है और उनके आइब्रोज के बीच में गैप कम हो जाता है वैसे आमतौर पर इन तीनों पार्ट्स  के कांबिनेशन से इमोशंस एक्सप्रेस किए जाते हैं छुपाना बहुत ही मुश्किल होता है जब लोग उदास होते हैं तो उनके मुंह लटका जाते हैं आइब्रोज

के अंदर के पार्ट एक साथ आकर ऊपर की ओर हो जाते  हैं एक और एग्जांपल है दर दर में इंसान की बुहे ऊपर- उठ जाती है इसमें रिंकल्स दिखाई देने लगते हैं  नीचे की पलक भी ऊपर की तरफ उठ जाती है कई बार तो ऊपर की पलक भी ऊपर उठ जाती है जिससे आंखों का सफेद  हिस्सा दिखाई देने लगता है दर के मारे इंसान का मुंह भी थोड़ा सा खुल जाता है वैसे ये सारे साइन कल्चरल  और सोशल स्टैंडर्ड से भी इफेक्ट हो सकते हैं जैसे की   फिनलैंड में आए कॉन्टैक्ट एक फ्रेंडली जेस्चर है  जबकि जापान में इसे एग्रेसिव साइंस समझा जाता है हालांकि तीनों फैक्टर कल्चर से ज्यादा अफेक्टेड  नहीं होते नीचे बताए गए तीनों फैक्टर आपको सारी 

जानकारियां देते रहेंगे पहला साइन है क्रॉसड आर्म्स यानी की हाथों को बांधना इस पोजीशन को देखते ही आप समझ जाइए की सामने वाला डिस्क कंफर्टेबल फुल कर रहा  है हाथ बांधकर बैठने का सीधा सा मतलब है की इंसान   खुद को प्रोटेक्ट कर रहा है दूसरा साइन है मिररिंग यह तब होता है जब कोई दूसरे इंसान के एक्शन को कॉपी करता है ये एक तरह से सामने वाले में इंटरेस्ट और  कनेक्शन दिखाता है ज्यादातर रोमांटिक पार्टनर्स में ऐसी बॉडी लैंग्वेज देखी जाती है तीसरा फैक्टर है क्या लोग अपना पोस्चर कैसे होल्ड करते हैं इसे हम एनालाइज कर सकते हैं की सामने वाले के अंदर कितना कॉन्फिडेंस है जैसे की वॉकिंग और सिटिंग का एग्जांपल 

ले लीजिए अब मैन लीजिए कोई आपके सामने बैठा है एकदम  सीधे पोस्चर में उसकी चेस्ट बाहर की तरफ और चीन ऊपर   की ओर है चलते समय उनकी कदम एकदम कॉन्फिडेंस के साथ  ज़मीन पर पढ़ते हैं ऐसे लोग भरोसेमंद होते हैं झुके हुए कंधे और ढीला ढाला पोस्चर दिखाता है की इंसान  के अंदर कॉन्फिडेंस की बहुत कमी है इस टाइप के लोग इनसिक्योर होते हैं और चलते वक्त ऐसा लगता है की  जैसे वो अपने पैरों को घसीट रहे हो तो लोग अक्सर फेपोस्चर भी देते हैं स्टडीज दिखाती है की कॉन्फिडेंस  के पोस्चर को फेक करना स्ट्रेस हार्मोन को कम करता 

है ये आपके अंदर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ता है जो की इंसान के अंदर असली कॉन्फिडेंस लता है किसी का बिहेवियर एनालाइज करते समय ऑब्जर्व कीजिए की उनकी पुरी बॉडी आपको क्या मैसेज दे रही है इससे आपको एकदम एक्यूरेट रिजल्ट मिलेगा आप इसे इस एग्जांपल को उसे करके ट्राई कर सकते हैं मैन लीजिए की आप एक पार्टी अटेंड कर रहे हैं आपको एक आदमी मिलता है मार्क मार्क  आई कॉन्टैक्ट रखते हुए बात करता है और उसके पैरों के बीच भी काफी ज्यादा गैप है उसने अपने हाथों को क्रॉस कर रखा है लेकिन वह लगातार मुस्कुराते हुए बातें कर 

रहा है पर उसकी आंखों के कोणों में रिंकल्स नजर नहीं रहे हैं अब देखते हो की मैन की आइब्रोज बीच-बीच में ऊपर की तरफ उठ रहे हैं और उनमें चिकन भी रही  है कभी वह आंखें चौड़ी कर लेता है और कभी होठों को सीकर लेता वह औरों से एक दूरी बनाते हुए बातें कर  रहा है तो मैन किस बिहेवियर से आपको उसके बारे में क्या पता चला वह क्या फुल कर रहा है आपको वो किस तरह का इंसान लगा तो इसका जवाब यह है की मैन कसम   में अपनी फिलिंग्स को छुपाने की कोशिश कर रहा है उसकी आंखों से साफ-साफ ज़ाहिर होता है की वो कितना नर्वस और अनकंफरटेबल है हालांकि वो अपने बाकी बॉडी पोस्चर से कुछ और जताने की कोशिश कर रहा है वो बात 

करते समय स्माइल करता है और पैरों को खोलकर खड़ा है  ताकि वो कॉन्फिडेंट लगे और इसी के साथ अब आगे बढ़ते   हैं और समझते हैं आउटपुट पर्सनैलिटी करैक्टेरिस्टिक  एस्पेक्ट्स यानी की किसी का बिहेवियर देखकर तुरंत   उसके बारे में कोई राय कायम कर लेना एनालिसिस नहीं  होता है इसका मतलब तो हुआ की आप उन्हें जज कर रहे   हैं याद रहे की जो साइन आपने देखे वो उनकी क्वालिटी  के बारे में सिर्फ हिंट दे रहे हैं कई लोगों का नेचर   उनके बिहेवियर से एकदम अलग होता है वह होते कुछ और  है पर दिखाते कुछ और है इसलिए हमेशा ऑब्जर्व करें 

की किसी को देखते ही कोई राय मत बना लीजिए लोगों को  एनालाइज करने के लिए उनकी बॉडी लैंग्वेज के अलावा   पंच फीचर है जो आप उसे कर सकते हैं पहले दो फीचर है  की वो कैसे कपड़े पहनते हैं और कैसे बात करते हैं   ड्रेसिंग सेंस और फैशन स्टाइल को ऑब्जर्व करना हमेशा  ज्यादा भरोसेमंद नहीं होता आमतौर पर वेल्ड ब्रेस्ट   लोगों में हाई लेवल का कॉन्फिडेंस नजर आता है जो  लोग ढीले ढले और पुराने कपड़े पहनते हैं उनमें सेल्फ स्टीम की कमी पाई जाती है हालांकि इसका अपोजिट भी हो  सकता है जैसे एग्जांपल के लिए रेचल और आयरन को ही आप 

ले लीजिए दोनों एक लॉ फॉर्म में कलीग्स है क्रिएचर  हमेशा वेल्ड ब्रेस्ट रहती है उसे टाइट फिटिंग नए और फैशनेबल कपड़े पहनना पसंद है जबकि आयरन ढीले ढले पुराने सूट पहनता है कई बार तो वो ऑफिस में बिना टायर लगाए ही जाता है हालांकि कायरा ने कॉन्फिडेंट और एग्रेसिव लॉयर है लेकिन कपड़ों के मामले में उसकी   को बहुत ही खराब है क्योंकि वो परवाह नहीं करता की  लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे वही दूसरी तरफ रेचल अंदर से इन सीकर फुल करती है उसके अंदर सेल्फ एस्टीम की कमी है वो वेल ड्रेस्ड इसलिए रहती है क्योंकि 

उसे लगता है की लॉयर की इमेज स्ट्रांग होनी चाहिए  लोगों के बाद करने का तरीका भी ना उनके कॉन्फिडेंस लेवल को बताता है कॉन्फिडेंट और कंफर्टेबल लोग खास  तरह से बात करते हैं वो मीडियम वॉल्यूम में आराम से बात करते हैं जो लोग तेज या जल्दी-जल्दी बोलते  हैं वो दिखाता है की वो अनकंफरटेबल या चिंतित है   तीसरा फीचर है लोगों की हैबिट और इंटरेस्ट यानी की इंसान की हैबिट से उसका असली नेचर पता चल जाता है की आप किसी को जानते हैं जो सोशल वर्क बहुत ज्यादा करते हैं ऐसे लोग बड़े दिलवाले और हमदर्द स्वभाव के होते हैं पालतू जानवर पालने वाले लोग भी आमतौर  पर काफी काइंड और केयरिंग नेचर के होते हैं जो लोग स्ट्रिक्ट शेड्यूल फॉलो करते हैं कंट्रोल फ्रीक होते हैं एक आदत जो आपको गौर करनी चाहिए वह है सोशल मीडिया प्रेजेंस लोग अक्सर अपनी ओपिनियन ऑनलाइन पोस्ट करते हैं लेकिन जो लोग सोशल मीडिया ज्यादा उसे करते हैं उनके अंदर आमतौर पर सेल्फ कॉन्फिडेंस  की कमी होती है ऐसे लोग ह्यूमन कॉन्टैक्ट के लिए डेसपरेट होते हैं लास्ट के दो फीचर है की वो किस  तरह का म्यूजिक सुनते हैं और किस तरह के लोग उनके दोस्त हैं जैसे की हैरियट व्हाट यूनिवर्सिटी ने एक बार एक स्टडी की थी जिसमें 36000 लोग शामिल रिसोर्सेस यह पता करने की कोशिश कर रही थी की लोगों  की पर्सनैलिटी और उनकी म्यूजिक की टेस्ट के बीच में 

क्या लिंक है उन्हें पता चला की रॉक और रैप म्यूजिक को अग्रेशन से जोड़कर देखना गलतफहमी है रॉक और हैवी मेटल पसंद करने वाले लोग काफी इंट्रोवर्ट होते हैं वो लोग बहुत ही जेंटल और क्रिएटिव भी रैप और हिप होप सुनने वाले लोग exprovert नेचर के और इन लोगों का सेल्फ एस्टीम लेवल भी काफी हाई पाया गया नेचर के हालांकि इनके अंदर क्रिएटिव लेवल थोड़ा  कम था तो कंट्री या क्लासिकल म्यूजिक सुनने वाले इमोशनली काफी स्टेबल पाए गए इसके अलावा आप  लोगों के दोस्तों से भी उनके बारे में काफी कुछ समझ सकते हैं लोगों की फ्रेंड्स बनाने के कई  रीजन हो सकते हैं इनमें से एक कारण है रिसिप्रोकल 

अल्टरूज्म यानी की लोगों को जो नेचर और क्वालिटी पसंद है वो वैसे ही लोगों से दोस्ती करना पसंद करते हैं अब नवमी और जेनिफर का एग्जांपल लेते हैं jennifername की बेस्ट फ्रेंड है नवमी के बाकी दोस्तों के मुकाबला जेनिफर ज्यादा दयालु और बड़े दिल की है यानी इसका मतलब नवमी दया और उदारता को काफी वैल्यू देती है लोग अपने जैसे लोगों को ही  दोस्त बनाना पसंद करते हैं क्लोज फ्रेंड्स अक्सर से हॉबीज और इंटरेस्ट शेयर करते हैं लोग उन्हें के साथ कंफर्टेबल फुल करते हैं जिनके ओपिनियन उनसे मिलते जलाते हैं इसका मतलब है की दोस्त आपस में से वैल्यूज और मोरल को शेयर करते हैं और इसी के साथ समझते हैं इवेलुएटिंग इंडिविजुअल्स इन डी वर्क प्लेस एडल्ट अपनी लाइफ का करीब 30% से भी ज्यादा टाइम ऑफिस में बिताते हैं इसी वजह से हम अक्सर अपने कलीग्स के  साथ एक गहरा रिश्ता डेव